Monday, July 9, 2012

शकील ग्वालियरी

ये  जो  मीलों  लकीरें  सी  नज़र  आती  हैं  सहरा  में
सफ़रनामा हवा  का  रेत की  चादर  पे  लिक्खा है .

 - शकील ग्वालियरी

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